26.6.2009

.वक्त को चलने दो

1--
वक्त को चलने दो,
अपने अंदाज से,
बस दो पल के लिए,
किसी के साथ हो लो
अपने दिल की खातिर,
लोगों की हंसी नाम कर दो.

2--
लोग खूब कहेंगे,
तमाशा दिखाने के लिए,
तेरे दिल में झांके बिना,
प्यार का अहसास करायेंगे,
लेकिन चलने दो उसे,
पीछे मुड़ने की बात नहीं कहेंगे.

3--
तुम्हारी उम्र बेदाग शगुफ्ता हो,
जहां तस्सवुर को इंतजार ना दो,
जो तेरा अपना है उसे पहचान लो,
फिर भी धोखा हो तो खा लो
बस उसे छोडकर मुड़ जाना उधर,
जहां पर सभी को तेरा इंतजार हो.

गौरी शंकर

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